परिचय
जब भी कोई ट्रेडर स्टॉक मार्केट में निवेश करता है, सबसे पहले वह सोचता है कि शेयर मार्केट कैसे सीखें? इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) नए और अनुभवी दोनों तरह के ट्रेडर्स के बीच बहुत लोकप्रिय है। यह ट्रेडिंग का सबसे छोटा फॉर्मेट है, जिसमें एक दिन में ही खरीदा और बेचा जाता है। हालांकि, इसमें अधिक मुनाफा कमाने की संभावना है, लेकिन अगर सही तरीके से न किया जाए तो काफी नुकसान भी हो सकता है। इसलिए, इंट्राडे ट्रेडिंग शुरू करने से पहले कुछ नियमों को जानना और उनका पालन करना जरूरी है।
इंट्राडे ट्रेडिंग नियम
1.सही स्टॉक का चुनाव करें
इंट्राडे ट्रेडिंग में सही स्टॉक का चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है। हमेशा लिक्विड स्टॉक्स चुनें, जिनका मार्केट में अधिक वोल्यूम हो। वोलैटिलिटी ज्यादा होने वाले स्टॉक्स से बचें और मार्केट ट्रेंड के हिसाब से स्टॉक्स का चयन करें। वर्तमान ट्रेंड को ध्यान में रखें और ऐसी कंपनियों के स्टॉक्स चुनें जिनकी जानकारी पारदर्शी तरीके से पब्लिक डोमेन में उपलब्ध हो।
2. रिसर्च और ट्रेंड फॉलो करें
ट्रेडिंग शुरू करने से पहले मार्केट और स्टॉक्स के बारे में रिसर्च करें। बिना तैयारी के मैदान में उतरना नुकसानदायक हो सकता है। विभिन्न चार्ट्स और इंडिकेटर्स का उपयोग करके स्टॉक प्राइस ट्रेंड का सही अनुमान लगाएं। इसके लिए आप शेयर बाजार से जुड़ी किताबें पढ़ सकते हैं, जो आसान भाषा में जानकारी देती हैं।
3.भावनाओं पर निर्णय न लें
ट्रेडिंग करते समय भावनाओं को अपने निर्णयों में न लाएं। हमेशा रिसर्च पर भरोसा रखें। भावनाओं में लिए गए निर्णय नुकसानदायक हो सकते हैं। लाभ की चाह में या नुकसान के डर से लिए गए निर्णय से बचें।
4.स्टॉप लॉस का उपयोग करें
इंट्राडे ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस ऑर्डर का उपयोग जरूर करें। यह आपके नुकसान को सीमित करता है। स्टॉक मार्केट के गणित को समझकर एक सही ट्रिगर प्राइस सेट करें ताकि नुकसान को नियंत्रित किया जा सके।
5.कम पैसों से शुरुआत करें
इंट्राडे ट्रेडिंग में शुरुआत कम पैसों से करें। कभी भी उधार लेकर ट्रेडिंग न करें। उतने ही पैसे लगाएं जितना नुकसान आप बिना किसी दबाव के सह सकते हैं।
6.विभिन्न स्टॉक्स में निवेश करें
एक ही कंपनी के ज्यादा शेयर खरीदने की बजाय विभिन्न कंपनियों के शेयर खरीदें। इससे आपका जोखिम कम होगा और आप मार्केट के उतार-चढ़ाव से बच सकेंगे।
7.ओवरट्रेड न करें
ओवरट्रेडिंग से बचें। मार्केट की वोलैटिलिटी हमेशा एक जैसी नहीं होती, इसलिए सोच-समझकर ट्रेड करें। लॉस को कम करने के लिए ओवरट्रेडिंग की रणनीति अपनाने से बचें।
8.जोखिम उठाने की क्षमता पहचानें
इंट्राडे ट्रेडिंग शुरू करने से पहले अपनी जोखिम उठाने की क्षमता पहचानें। यह आपकी उम्र, ट्रेडिंग का अनुभव, स्टॉक का ज्ञान, और मार्केट की समझ पर निर्भर करती है।
9.योजना के साथ ट्रेड करें
एक योजना के साथ ट्रेडिंग शुरू करें और उस पर टिके रहें। अफवाहों या झूठी खबरों से प्रभावित न हों। केवल अधिकृत स्रोतों से मिली जानकारी पर ही विश्वास करें।
10.लाभ-हानि की गणना करें
अपने लाभ की गणना करें और उसे बढ़ाने की कोशिश करें। हानि से घबराएं नहीं, बल्कि अपनी गलतियों से सीखें और उन्हें सुधारें।
11.ट्रेंड के महत्व को समझें
ट्रेडिंग में अपने रिसर्च को महत्व दें लेकिन वर्तमान ट्रेंड को भी नजरअंदाज न करें। स्टॉक के सपोर्ट और रेजिस्टेंस की जानकारी लें और इंट्राडे ट्रेडिंग फॉर्मूला का उपयोग करें।
SEBI के नए नियम
भारतीय फाइनेंशियल मार्केट को रेगुलेट करने वाली संस्था सेबी (SEBI) ने 1 सितंबर 2021 से पीक मार्जिन के नए नियम लागू किए हैं। इसके तहत ब्रोकर द्वारा ट्रेडर को दिए जाने वाले मार्जिन को सीमित कर दिया गया है। अब ब्रोकर केवल ट्रेड वैल्यू का 5 प्रतिशत मार्जिन ही दे सकता है। पहले कोई सीमा नहीं थी, जिससे ब्रोकर मनमानी करते थे और ट्रेडर को नुकसान उठाना पड़ता था।
निष्कर्ष
इंट्राडे ट्रेडिंग लाभ कमाने का एक शानदार मौका देती है, लेकिन बिना नियमों का पालन किए ट्रेड करना नुकसानदायक हो सकता है। यह ट्रेडिंग का सबसे तेज गति वाला और जोखिम भरा सेगमेंट है। इन नियमों का पालन करके आप अपने इंट्राडे ट्रेडिंग के सफर को सुरक्षित और सफल बना सकते हैं।
Disclaimer: यहां स्टॉक्स में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस द्वारा दी गई है. ये kpinvestinghub.com के विचार नहीं हैं. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें. यह जानकारी केवल सामान्य मार्गदर्शन के लिए है और इसे किसी भी प्रकार के निवेश या वित्तीय निर्णय के लिए सीधे सलाह के रूप में नहीं लेना चाहिए। निवेश से पहले, sebi registered इन्वेस्टर का व्यापक विचार-विमर्श और यथासंभव स्वतंत्र पेशेवर सलाह लेनी चाहिए। हमारी कोई भी सिफारिश या जानकारी व्यक्तिगत परिस्थितियों के बारे में नहीं है और इसलिए उस पर निर्भर नहीं होना चाहिए। हम इस जानकारी में किसी भी त्रुटि के लिए उत्तरदायित्व या जिम्मेदारी नहीं स्वीकार करते हैं।